छूट जाता है ताकत, साहस नहीं छूटता खुद की सोचने का, आलस नहीं छूटता छूट जाता है ताकत, साहस नहीं छूटता खुद की सोचने का, आलस नहीं छूटता
पाप ही मूल कारण है मनुष्य फिर भी समझे न ये। पाप ही मूल कारण है मनुष्य फिर भी समझे न ये।
विशाल विराट अद्भुत सागर , कभी अंबर को चूमता, कभी थल को छूता हुआ, श्वेत ,ध्वल चांदनी विशाल विराट अद्भुत सागर , कभी अंबर को चूमता, कभी थल को छूता हुआ, श्वेत ...
मैं बिंदु हूँ एक जगह ठहरा हूँ पर वास्तव में बहुत गहरा हूँ मैं बिंदु हूँ एक जगह ठहरा हूँ पर वास्तव में बहुत गहरा हूँ
पर आईना बनने के लिऐ पर आईना बनने के लिऐ
जाना निश्चित मान ले, क्यों जमाया है डेरा, कैसा यह जमाना आया, बन गया लुटेरा। जाना निश्चित मान ले, क्यों जमाया है डेरा, कैसा यह जमाना आया, बन गया लुटेरा।